उत्तर प्रदेश में रेलवे का नया दौर: 6000 किलोमीटर नई लाइनें
उत्तर प्रदेश में railway expansion की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है, जहां सरकार ने 6000 किलोमीटर की नई रेल लाइनों को मंजूरी दे दी है। यह project राज्य के विकास को नई गति देगा और लाखों लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा। खासकर ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ने से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। रेल मंत्री की घोषणा से साफ है कि यह योजना मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
इस initiative से न केवल स्थानीय यात्री लाभान्वित होंगे, बल्कि पर्यटन और व्यापार भी बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए भारी budget आवंटित किया है, जो राज्य की रेल नेटवर्क को मजबूत करने का संकेत देता है। पिछले वर्षों की तुलना में यह वृद्धि अभूतपूर्व है। कुल मिलाकर, यह विकास उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख राज्यों में और मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।
बजट में 18 गुना वृद्धि: रेलवे का नया बजट
मोदी सरकार में उत्तर प्रदेश के railway budget में 18 गुना की बढ़ोतरी हुई है, जो 2009-2014 के औसत 1109 करोड़ से बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह allocation रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए है, जिसमें नई लाइनें बिछाना शामिल है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह राज्य के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

2025-26 के लिए 19,858 करोड़ रुपये का provision किया गया है, जो विभिन्न projects को गति देगा। यह बजट वृद्धि न केवल रेलवे को मजबूत बनाएगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल प्रदान करेगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे यातायात की भीड़ कम होगी। कुल मिलाकर, यह बजट राज्य में रेलवे के सुनहरे भविष्य की नींव रखता है।
अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों का कायाकल्प
उत्तर प्रदेश में 157 रेलवे स्टेशनों का redevelopment अमृत भारत योजना के तहत किया जाएगा, जो यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इस scheme से स्टेशन विश्व स्तरीय बनेंगे, जिसमें बेहतर इंतजार कक्ष और सुरक्षा व्यवस्था शामिल होगी। रेल मंत्री ने बताया कि यह योजना राज्य के 20 जिलों को जोड़ेगी। इससे यात्रा का अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा।
इस project में वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी बढ़ाया जाएगा, जो 14 ट्रेनों के माध्यम से होगा। अमृत भारत एक्सप्रेस 10 जिलों में रुकेगी, जिससे स्थानीय connectivity मजबूत होगी। साथ ही, कवच प्रणाली को 4800 किलोमीटर पर लागू किया जाएगा। यह विकास स्टेशनों को सुरक्षित और कुशल बनाने में मदद करेगा।
पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड ट्रैक बिछाव
पिछले दशक में उत्तर प्रदेश में 5200 किलोमीटर railway track बिछाया गया है, जो बेल्जियम के पूरे रेल नेटवर्क से बड़ा है। यह achievement राज्य में रेलवे के विस्तार को दर्शाता है, जिसमें दोहरी और तिहरी लाइनें शामिल हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की मदद से परियोजनाओं में बाधाएं दूर की गई हैं। इससे राज्य का रेल नेटवर्क वैश्विक स्तर पर मजबूत हुआ है।
केंद्र सरकार ने 1,04,000 करोड़ रुपये का investment किया है, जो विभिन्न infrastructure सुधारों के लिए है। यह ट्रैक बिछाव न केवल यात्रा को तेज बनाएगा, बल्कि माल ढुलाई को भी बढ़ावा देगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे राज्य की GDP में योगदान बढ़ेगा। कुल मिलाकर, यह रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी बयां करता है।
यात्रियों को मिल रही सब्सिडी और सुविधाएं
रेलवे में यात्रियों को टिकट पर 55 प्रतिशत तक की subsidy दी जाती है, जहां 100 रुपये के किराए पर केवल 48 रुपये लिए जाते हैं। यह benefit आम लोगों को राहत प्रदान करती है, खासकर उत्तर प्रदेश जैसे घनी आबादी वाले राज्य में। रेल मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न मदों में छूट उपलब्ध है। इससे ट्रेन यात्रा सस्ती और सुलभ बनी हुई है।
इसके अलावा, स्टेशनों पर modern facilities जैसे वॉटर वेंडिंग मशीन और ऑटोमेटिक टिकट मशीनें लगाई जा रही हैं। उतरेठिया स्टेशन का विकास इसका उदाहरण है, जो upgradation के तहत हो रहा है। यह सुविधाएं यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगी। कुल मिलाकर, यह सब्सिडी और सुधार रेलवे को जन-उन्मुख बनाते हैं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में 6000 किलोमीटर नई railway lines की मंजूरी और भारी से राज्य का रेल नेटवर्क एक नई ऊंचाई छुएगा, जो विकास और कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। अमृत भारत योजना और वंदे भारत ट्रेनें जैसे projects से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, जबकि पिछले रिकॉर्ड ट्रैक बिछाव राज्य की प्रगति को दर्शाते हैं। यह सब मिलकर उत्तर प्रदेश को देश का प्रमुख हब बनाएगा।
क्या यह विकास राज्य के हर कोने तक पहुंचेगा और आम आदमी के जीवन को बदल देगा? पाठकों को विचार करना चाहिए कि ऐसी initiatives कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती हैं और भविष्य में और क्या सुधार संभव हैं। अंत में, यह कदम सरकार की commitment को दर्शाता है, जो विश्वास और प्रगति की नींव रखता है।
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